मथुरा जंक्शन पर हुए ईएमयू हादसे की जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस घटना के बारे में लापरवाही की बातें सामने आई हैं, जिसमें एक कर्मचारी नशे में मोबाइल देख रहा था। जब यह कर्मचारी इंजन के केबिन में प्रवेश किया, तो उसके शराब के नशे में थे और उन्होंने अपना बैग थ्रोटल पर रख दिया। डीआरएम की संयुक्त जांच रिपोर्ट के बाद, कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं और एक चार सदस्यीय टीम को घटना की जांच के लिए गठित किया गया है।
मथुरा जंक्शन पर मंगलवार रात को एक घटना घटी, जिसमें शकूरबस्ती ईएमयू का स्टॉपर तोड़कर प्लेटफार्म-2 पर पहुंच जाने का मामला सामने आया। इसके बाद लोको पायलट सहित पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेन आने के बाद ईटीएल कर्मी ने इंजन के केबिन में प्रवेश किया तब वह शराब के हल्के नशे में थे और उन्होंने अपना बैग थ्रोटल पर रख दिया।
इसके परिणामस्वरूप, ट्रेन अचानक तेज गति से चल पड़ी, जिसके बाद डीआरएम ने घटना की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया। रेलवे सूत्रों के अनुसार, क्रू वॉइस एंड वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम (सीवीवीआरएस) से पता चला है कि ईएमयू के प्लेटफार्म पर आने के बाद ईटीएल स्टाफ के कर्मचारी और खुद को हेल्पर बताने वाले सचिन ने जब इंजन के केबिन में प्रवेश किया तब वह मोबाइल फोन देख रहे थे, जबकि उनके शराब के हल्के नशे में होने की बात भी सामने आई है।
सचिन के शराब के हल्के नशे में होने की पुष्टि ब्रेथ एनलाइजर टेस्ट में हुई है, और उनके खून की जांच के लिए सैंपल लिया गया है ताकि उन्होंने कितनी शराब पी रखी थी इसका पता चल सके। आगरा मंडल प्रबंधक तेजप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि सामान्यत: ट्रेन आने के बाद इंजन के केबिन की चाबी वहां पहले से मौजूद सहायक स्टाफ को दी जाती है।
दिल्ली से मथुरा जंक्शन के प्लेटफार्म-2 पर आई शकूरबस्ती ईएमयू को मंगलवार रात 10.50 बजे खड़ा किया गया। इस दौरान यात्री उतरे और ईएमयू चालक दल ने ट्रेन को तकनीकी टीम के सुपुर्द किया। इस दौरान अचानक ट्रेन स्टॉपर को तोड़कर प्लेटफार्म पर चढ़ गई, जिससे स्टेशन पर यात्रियों में अफरा-तफरी मची। प्लेटफार्म-2 की ओएचई टूट गई, और इसके बाद रेलवे अधिकारियों के बीच खलबली मच गई। डीआरएम तेज प्रकाश अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए। बुधवार को संयुक्त जांच रिपोर्ट डीआरएम को दी गई, जिसमें हादसे का कारण अचानक थ्रोटल का दबना बताया गया।