केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई के लिए कराई जांच, तो नदारद मिले 27 % छात्र यानी लगभग आवेदन पर 97000 से ज्यादा का पता नहीं।

उत्तर प्रदेश में बायोमीट्रिक सत्यापन प्रक्रिया के दौरान 27% अल्पसंख्यक छात्र नदारद हैं। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने छात्रवृत्ति और शुल्क के लिए आवेदन करने वाले छात्रों के आधार की जाँच करवाई थी। मुरादाबाद, कुशीनगर, सीतापुर, बिजनौर, बस्ती और संतकबीरनगर जैसे जिलों में अधिक संख्या में छात्र अदृश्य पाए गए हैं। प्रदेश सरकार इस बड़े संख्या में छात्रों के गायब होने के संदेह के चलते इसके वास्तविक कारणों की जांच करने की तैयारी में है।

यह जानकारी देने में महत्वपूर्ण है कि अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति देने के मामले में देश के कई राज्यों में बड़े घोटाले हुए हैं। अब यह बात सामने आई है कि यूपी में भी बायोमीट्रिक सत्यापन के बाद 27% अल्पसंख्यक छात्रों के बारे में कुछ जानकारी नहीं मिल रही है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने इन छात्रों के आधार कार्ड के बायोमीट्रिक जाँच का आदेश दिया था। मीडिया के मुताबिक बायोमीट्रिक जाँच के आदेश के बाद सीतापुर, कुशीनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, मुरादाबाद और बिजनौर जैसे जिलों में लगभग एक लाख अल्पसंख्यक छात्र ढूंढ़े नहीं मिल रहें हैं।

इस सूचना के आगमन के बाद, यूपी की सरकार अब बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्तियों की जाँच करवाने की योजना बना रही है। योगी सरकार ने पहले ही अवैध मदरसों की जाँच करवाई थी। हाल के दिनों में, यूपी सरकार ने अवैध मदरसों की विदेशी वित्तपोषण की जाँच के लिए यूपीएसआईटी का गठन किया है।

अल्पसंख्यक छात्रों को सरकार द्वारा छात्रवृत्ति और शुल्क की प्राप्ति होती है। इसके लिए, यूपी में 359,659 अल्पसंख्यक छात्रों ने आवेदन किया था। जब इन छात्रों के आधार की बायोमीट्रिक जाँच का आदेश दिया गया, तो आवेदन करने वाले छात्रों में से 97,463 का पता ही नहीं चल रहा है। खबर के मुताबिक, मुरादाबाद में 12,161 अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनके पता नहीं चल रहे हैं। वहीं, बिजनौर में 6,738, फर्रुखाबाद में 4,228, कुशीनगर में 5,630, बस्ती में 3,726, सीतापुर में 4,073, संतकबीरनगर में 3,339, और गोंडा में 4,416 अल्पसंख्यक छात्रों का अता पता नहीं है।

रामपुर, संभल, अमरोहा, मेरठ, औरैया, अलीगढ़, सहारनपुर, उन्नाव, अलीगढ़, और अंबेडकरनगर जैसे कई जिलों में भी अब तक कई छात्रों का पता नहीं चला है। जानकारों के अनुसार, अल्पसंख्यक छात्रों के बायोमीट्रिक सत्यापन के लिए अब तक लगभग 4700 आवेदन लोगों के पास हैं जिन्होंने अपने आवेदन आगे नहीं भेजे हैं। आवेदन की आखिरी तारीख 27 अक्टूबर है।

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