मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आवास और शहरी नियोजन विभाग की समीक्षा की। इस मौके पर, उन्होंने राज्यीय राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एससीआरडीए) की शीघ्र गठन के निर्देश दिए। इस बैठक में मौजूद अधिकारियों को निर्देशित करते समय, उन्होंने बताया कि एससीआरडीए को तीन महीने के अंदर कार्ययोजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने इस नई योजना में लखनऊ, उन्नाव, हरदोई, रायबरेली, सीतापुर और बाराबंकी जिले शामिल करने की योजना बताई है। साथ ही, लखनऊ को एससीआरडीए का मुख्यालय घोषित करने और नागरिकों के सुविधा के लिए अन्य जनपदों में रीजनल ऑफिसेस खोलने का सुझाव दिया है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में आगे बढ़ते हुए कहा कि एससीआरडीए की कार्ययोजना को वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में तैयार किया जाएगा। झांसी औद्योगिक विकास प्राधिकरण के बाद, एससीआरडीए प्रदेश में नियोजित शहरी विकास का मॉडल होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आने वाले सौ साल में शहरी विकास की योजना को तैयार करते समय उन्हें जनपदों की आवश्यकताओं को मध्यस्थ बनाना होगा। उन्होंने जोर दिया कि शहरी विकास की सभी योजनाएं निवेश और रोजगार को ध्यान में रखती हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अमृत योजना के अंतर्गत 59 शहरों के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसे 30 सितंबर तक शासन के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करना होगा। वह इसके साथ ही झांसी, बड़ौत, चंदौसी, गोंडा, और अमरोहा में पहली बार मास्टर प्लान की तैयारी की जा रही है, और इसमें गति बढ़ाने का आलंब किया गया है। साथ ही, लोनी और मोदी नगर को गाजियाबाद में एक मास्टर प्लान के साथ शामिल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मास्टर प्लान की रूपरेखा तैयार हो जाएगी, तो उसके बाद अगर कोई बिल्डर नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।