अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडेय को जेल में दीक्षा देने का मामला, जूना अखाड़े ने बैठाई जांच, दोषी को मिलेगी सजा

हरिद्वार। अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडेय को अल्मोड़ा जेल में जूना अखाड़े की तरफ से दीक्षा दिए जाने और मठाधीश बनाए जाने का मामला विवादों में आ गया है। इस मामले का जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरिगिरि ने संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि उन्हें अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडेय को अल्मोड़ा जेल में दीक्षा दिए जाने का कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने इसे गलत भी ठहराया है और मामले की जांच करने की बात कही है।
श्री महंत हरिगिरि ने साफ किया है कि उन्हें इस मामले की जांच बैठा दी है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच के लिए सात वर्तमान और निवर्तमान पदाधिकारियों की एक समिति बना दी गई है, जो अपनी जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट देगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही प्रकाश पांडेय को संत बनाने वाले संतों पर कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि, उत्तराखंड की अल्मोड़ा जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े ने दीक्षा दी है। इस मौके पर अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे का नया नामकरण भी किया गया। प्रकाश पांडे को नया नाम प्रकाशानंद गिरी दिया गया। इस दौरान जूना अखाड़े के थानापति राजेंद्र गिरि ने बताया कि फिलहाल प्रकाश पांडे को दीक्षा दी गई है। अब आगे की प्रक्रिया प्रयागराज कुंभ 2025 में की जाएगी।
हरिद्वार में आज शुक्रवार 6 सितंबर को जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट बाबा के ब्रह्मलीन होने के बाद बड़ी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी और जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री हरिगिरि महाराज समेत तमाम साधु संत पहुंचे थे। सभी ने दिवंगत महामंडलेश्वर पायलट बाबा को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान हरि गिरि महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा महान योगी संत थे। उनके आग्रह पर जून अखाड़े में महिलाओं को भी महामंडलेश्वर बनाने की रीत शुरू हुई थी। उन्हें उम्मीद है कि उनकी उत्तराधिकारी केको आइकावा और दो शिष्याएं उनके विचारों को आगे बढ़ाने का काम करेंगी।

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